हरदोई। जनसुनवाई शिकायतों के निस्तारण में फर्जी आख्या लगाने वाले जांच अधिकारियों ने प्रशासनिक व्यवस्था को शर्मसार कर दिया है। वैसे तो शिकायतों के निस्तारण में हरदोई को कई बार टॉप टेन में स्थान मिल चुका है, किन्तु पीड़ितों की उम्मीदों पर पानी फेर कर जनसुनवाई पोर्टल पर फर्जी निस्तारण की ओर जिम्मेदार ध्यान नही देते। जिसके चलते शिकायत का निस्तारण कागजों पर तो हो जाता है, पर बावजूद समस्या जस की तस बनी रहती है, ऐसे में जांच अधिकारियों की करतूत से न सिर्फ पीडितों की उम्मीदों पर भी पानी फेरा जा रहा है बल्कि सरकार की क्षवि खराब हो रही है।
टड़ियावा निवासी विनय गुप्ता ने अपने ऊपर दर्ज फर्जी केस की निष्पक्ष जाँच व साक्ष्य संकलन किये जाने की टड़ियावा पुलिस से शिकायत की थी जिसकी शिकायत संख्या 40015523111594 है, जबकि पुलिस विभाग के जाँच अधिकारी ने इसमें तो शिकायत संख्या ही बदल डाली, टड़ियावां थाने से सम्बंधित उक्त शिकायत में बेनीगंज थाने के किसी अन्य आवेदक की जाँच रिपोर्ट विनय गुप्ता की शिकायत में लगा दी, जिसकी शिकायत 40015523111626 ये है, और शिकायत का फर्जी निस्तारण कर दिया गया। इस प्रकार पीड़ित को कोई न्याय नहीं मिला।
एक अन्य प्रकरण में सांडी के सरायमुल्ला गंज निवासी आकाश गुप्ता पुत्र भरत लाल गुप्ता ने वार्ड संख्या 01 में निर्माणाधीन नाले में घटिया सामग्री प्रयुक्त किये जाने की शिकायत बीते 17अप्रैल को जनसुनवाई पोर्टल पर को की थी, जिसमें फर्जी आख्या लगाए जाने पर आकाश ने पुनः 02 मई को मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में जनसुनवाई पोर्टल पर फर्जी आख्या लगाए जाने की शिकायत की है, जिसमें उन्होंने कहा है घटिया सामग्री से बने नाले की जाँच न हो पाए इसलिए उसमें बनते ही पानी छोड़ दिया गया। आरोप है कि शिकायत वार्ड संख्या 01 की है जबकि आख्या में जो तस्वीर अपलोड की गयी है वो वार्ड संख्या 06 की है।
अब सवाल ये उठता है कि जब जन समस्याओं के निस्तारण में ये अधिकारी इतनी मक्कारी दिखाते है तो फिर आम जनता को गंभीर समस्या होने पर इनसे कितनी सहूलियत मिलती होगी! इसका भी अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि अभी हाल ही में मुख्यमंत्री ने शिकायतों के निस्तारण में फर्जी आख्या लगाने पर कई जिलों के डीएम को फटकार लगाई थी।
रिपोर्ट: हरिश्याम बाजपेयी