हरदोई: शासन स्तर से चल रही जाँच में मेडिकल कॉलेज की तत्कालीन प्राचार्य डा. वाणी गुप्ता बेगुनाह साबित हुई हैं, उन पर लगे कोई भी आरोप तो साबित नहीं हो सके पर जाँच में जिला महिला चिकित्सालय की तत्कालीन सीएमएस की लापरवाही जरूर सामने आ गई। डीएम हरदोई के पत्र दिनांक 28 दिसंबर 2022 व उसके साथ संलग्न सिटी मजिस्ट्रेट व सीओ सिटी की संयुक्त जांच आख्या में स्पष्ट किया गया कि जिला महिला चिकित्सालय में आपातकाल में प्रसव हेतु एक महिला को भर्ती कराया गया था, जिसमें अस्पताल कर्मियों द्वारा लापरवाही की गई और भर्ती करने से मना कर दिया गया था, इस पर पीड़ित ने सीएमएस से शिकायत करनी चाहिए तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया, जिस पर महिला के परिजनों ने प्राचार्या को कॉल कर शिकायत की, जिस पर तत्काल स्वास्थ्यकर्मियों को इमरजेंसी में उपचार के लिए निर्देशित किया गया, फिर भी लापरवाही प्रतीत हुई तो प्राचार्या वाणी गुप्ता ने रात में ही महिला अस्पताल पहुंचकर सीएमएस व अन्य स्टॉफ को मौके पर बुलाकर महिला का सुरक्षित प्रसव कराया।
जिसके विरोध में दूसरे दिन तत्कालीन सीएमएस डा. विनीता चतुर्वेदी के नेतृत्व में प्राचार्या वाणी गुप्ता के विरोध में प्रदर्शन किया गया। जाँच रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि उक्त घटनाक्रम से ऐसा प्रतीत होता है कि जिला महिला चिकित्सालय में व्याप्त अव्यवस्थाओं के लिए अधीक्षिका अधिक जिम्मेदार है न कि प्राचार्या स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय हरदोई। अतः साक्ष्य के अभाव में अपचारी अधिकारी/प्राचार्या स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, हरदोई पर लगाये गये आरोप सिद्ध नहीं होते हैं। जाँच निष्कर्ष में भी लिखा गया है कि जिला महिला अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा मरीजों एवं तीमारदारों के साथ निरन्तर अभद्रता की जा रही है। अस्पताल आने वाले मरीजों एवं तीमारदारों से पैसा लिया जाता है एवं मरीजों को निजी अस्पताल में भेजा जाता है।
रिपोर्ट: H. Shyam Bajpai