हरदोई: परिषदीय स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों के स्थान पर उनका कामकाज संभाल रहे इंचार्ज अध्यापकों को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने जिले के चौरासी शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के बराबर वेतन देने का आदेश शिक्षकों की याचिका पर दिया है।
जिले के परिषदीय स्कूलों में लंबे समय से शिक्षकों की पदोन्नति नहीं हुई है। जिससे प्रधानाध्यापक के पदों पर सहायक अध्यापक इंचार्ज प्रधानाध्यापक बनकर काम कर रहे हैं। जनपद के ऐसे ही चौरासी इंचार्ज शिक्षकों को उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें प्रधानाध्यापक का वेतन देने के आदेश दिए गए हैं।
इंचार्ज अध्यापक वीर प्रताप सिंह ने टेट मोर्चा हरदोई के सहयोग से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह अपने विद्यालय में पिछले कई वर्षों से इंचार्ज का काम कर रहे हैं, परंतु उन्हें वेतन सहायक अध्यापक का दिया जा रहा है।
हाईकोर्ट ने सोमवार को याचिका 6114/2024 का निस्तारण करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरदोई को आदेश दिया है कि वह इन याची शिक्षकों की इंचार्ज बनने की तिथि से जांच कर इन्हें प्रधानाध्यापक का वेतन का ब्याज सहित भुगतान छह सप्ताह के अंदर करें तथा इनके इंचार्ज अवधि के एरियर का भुगतान भी किया जाए माननीय न्यायालय के इस आदेश के बाद जनपद के इंचार्ज शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गईं है।
टेट मोर्चा हरदोई के जिला अध्यक्ष अवनीश यादव तथा महामंत्री योगेन्द्र यादव ने बताया कि जनपद में जूनियर हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति 14 वर्षों से तथा प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति आठ वर्षों से नहीं हुई है। जनपद में एक हजार से अधिक शिक्षक इंचार्ज का काम कर रहे हैं, पर उन्हें वेतन सहायक का मिल रहा है, शासन को शीघ्र ही शिक्षकों की पदोन्नति करनी चाहिए जिससे बच्चों के आरटीई एक्ट के तहत निशुल्क एवं अनिवार्य मौलिक शिक्षा का हनन अब और न हों सकें।
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