बच्चों व अभिभावकों का हो रहा उत्पीड़न
#हरदोई: शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम 2009 के तहत गरीब तबके के बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शिक्षा का अधिकार योजना का शुभारंभ किया गया है, इसके तहत गरीब तबके के बच्चों को निशुल्क शिक्षा, गणवेश एवं पुस्तकों आदि की उपलब्धता करवाएं जाने का सख्त नियम पारित किया गया है। जबकि वर्ष 2020-21 में चयनित बच्चों का पूर्ति शुल्क अभी तक भुगतान नहीं किया गया है।
जनपद हरदोई के प्राईवेट स्कूलों द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश लिए गए बच्चों से ही पुस्तकों, यूनिफॉर्म आदि स्कूलों द्वारा द्वारा चयनित दुकानें से लेने का दबाव बनाया जा रहा है, साथ ही गणवेश की कोई व्यवस्था न होने कारण अभिभावकों को बाध्य होकर प्राइवेट स्कूलों का प्रति वर्ष कोर्स में परिवर्तन कर ऊंचे दामों पर लेने के लिए मजबूर हैं, इससे जहां एक तरफ अभिभावकों की जेब कट रही है तो वहीं खुलेआम शिक्षा के अधिकार के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते प्राइवेट स्कूलों का मनोबल चरम सीमा पर है, जबकि गणवेश एवं पुस्तकों आदि के मसले को लेकर उच्च न्यायालय द्वारा भी यह सख्त आदेश पारित किया गया है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत भर्ती प्रवेश लिए विद्यार्थियों को प्राइवेट स्कूलों द्वारा ही गणवेश एवं पुस्तकें आदि उपलब्ध करवानी है। ऐसे मे आरटीई के नियमों का उलंघन सरकार की योजनाओं पर सवाल खड़ा करता है।
-द टेलीकास्ट न्यूज़